Instruction : हँसी शरीर के स्वास्थ्य का संदेश देने वाली है। वह एक साथ ही शरीर और मन को प्रसन्न करती है। पाचन शक्ति बढ़ाती है, रक्त को चलाती है और अधिक पसीना लाती है। हँसी एक शक्तिशाली दवा है। एक डॉक्टर के अनुसार हँसी जीवन की मीठी दवा है। आनंद से बढ़कर बहुमूल्य वस्तु मनुष्य के पास और नहीं है। कारलाइल एक राजकुमार था। वह कहता है कि जो जी से हँसता है वह कभी बुरा नहीं होता। जी से हँसो, तुम्हें अच्छा लगेगा। अपने मित्र को हँसाओ, वह अधिक प्रसन्न होगा। शत्रु को हँसाओ, तुमसे कम घृणा करेगा। एक अनजान को हँसाओ, तुम पर भरोसा करेगा। उदास को हँसाओ, उसका दुःख घटेगा। एक बालक को हँसाओ, उसके स्वास्थ्य में वृद्धि होगी। वह प्रसन्न और प्यारा बालक बनेगा। कष्टों में और चिंताओं में एक सुंदर हँसी, बड़ी प्यारी वस्तु भगवान ने दी है।(From Ques 31 to Ques 35)
Question
31
:
‘हँसी’ से विशेषण बनेगा :
1. हँसी 2. हँसना 3. हँसमुख 4. हँसता
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Instruction : विद्याभ्यासी पुरुष को साथियों का अभाव कभी नहीं रहता। उसकी कोठरी में सदा ऐसे लोगों का वास रहता है, जो अमर हैं। वे उसके प्रति सहानुभूति प्रकट करने और उसे समझाने के लिए सदा प्रस्तुत रहते हैं। कवि, दार्शनिक और विद्वान जिन्होंने प्रकृति के रहस्यों का उद्घाटन किया है और बड़े-बड़े महात्मा, जिन्होंने आत्मा के गूढ़ रहस्यों की थाह लगा ली है, सदा उसकी बातें सुनने और उसकी शंकाओं का समाधान करने के लिए उद्यत रहते हैं। बिना किसी उद्देश्य के सरसरी तौर पर पुस्तकों के पन्ने उलटते जाना अध्ययन नहीं है। लिखी हुई बातों को विचारपूर्वक पूर्णरूप से हृदय से ग्रहण करने का नाम अध्ययन है। प्रत्येक स्त्री-पुरुष को अपने पढ़ने का उद्देश्य स्थित कर लेना चाहिए। इसके लिए सबसे मुख्य बात यह है कि पढ़ना नियमपूर्वक हो अर्थात् इसके लिए नित्य का समय उपयुक्त होता है।(From Ques 36 to Ques 40)
Question
36
:
‘विद्वान’ शब्द का विलोम है
1. विदुषी 2. मूर्ख 3. मंदबुद्धि 4. मंदबुद्धि
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