Instruction : एक लोकतांत्रिक समाज स्वतंत्रचेता व्यक्तियों का समूह जहाँ हर व्यक्ति अपनी स्वतंत्र सत्ता रखता है | मगर वह किसी अन्य की स्वतंत्रता में अतिक्रमण नहीं करता | सबको अपने ही समान मानता है और सबकी गरिमा का आदर करता है | इस आदर में सभी का एक-दुसरे के प्रति प्रेम-भाव शामिल होता है | ऐसा प्रेम-भाव जिसमें किसी दुसरे को मन, वचन और कर्म से पीड़ा पहुँचाने का कोई स्थान नहीं होता | क्या आज की हमारी शिक्षा मानवीय रिश्तों का यह भाव सिखाती है ? समानता पुरुष और स्त्री के बीच, गोरे और काले के बीच, अलग-अलग धर्मों को मानने वालों के बीच सिखाने की बात जरुर शिक्षा की व्यवस्था करने वाले करते हैं | समाज में संपन्न भी होते हैं, विपन्न भी, धनी भी और निर्धन भी | हैसियत वाले और पिछड़े भी होते हैं | इसीलिए इन सबके बीच समानता का व्यवहार सिखाने की अपेक्षा भी शिक्षा-व्यवस्था से ही की जा सकती है | शिक्षा से यह भी अपेक्षा की जाती है कि समाज में अलगाव की भावना को तिरोहित करके सब में अपनत्व का भाव पैदा करे और ऐसे मानवीय रिश्तों की स्वस्थ भूमि तैयार करे जिसमें समान रूप से अपने विकास के अवसर पा सकें |(From Ques 51 to Ques 55)
Question
51
:
‘मगर वह किसी अन्य की स्वतंत्र सत्ता का अतिक्रमण नहीं करता |’ वाक्य में ‘अतिक्रमण’ नहीं करने से तात्पर्य है:
1. अधिकार नहीं मानना | 2. हस्तक्षेप नहीं करना | 3. आक्रमण नहीं करना | 4. अवहेलना नहीं करना |
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